2nd Prize

 माँ तोर याद आवेला

 माँ तोर याद  आवेला
भुलाई जाओ ना दिकत परेशानी मोर ज़िन्दगी केर
जब माँ तोर हाथ मोर मूड ऊपर रहेला ।

माँ तोर याद आवेला
माँ तोर बारे मोई का लेखमु
तोय तो मोके लेखीएस यह दुनिया मई
कवी वि कोनो चीज़ केर कमी होएक नई देला
तोई भूखे रहले लेकिन मोके पेट भएर खिले ।

माँ तोर याद आवेला
मोके कोनो चीज़ केर दर नई लागेला
काली की माँ तोर आसीर्बाद मोर ऊपर आहे ।

माँ तोर याद आवेला
माँ तोर अचरा मई तो गुजर गेलै मोर बचपन
सोब का कहना मोई नई जाएं हो
लेकिन तोई तो हेकिस मोर ले भगवन से वि पढ़ केर ।

चोट बेरा केर बात याद आवेला
तोर हाथ केर रोटी याद आवेला
कहां वि खाई के आवत रहो लेकिन
माँ तोर हाथ केर रोटी हेके जा मोर भूक के मिटत रहे ।

पढले लिखले केवल मोके एक कबील इंसान बनाले
लेकिन तोय मोर से कुछ नई मांगले
बस मोर सलामती और खुसी चहले ।

माँ तोर याद आवेला
तोर लेखे माँ के भगवन सबके देवक
बस भगवन से दुआ करना की मोर उम्र वि तोके लैग जाये माँ
कोनो वि गलती हुए जाट रहे सोब भारत रहें गरियात रहें
लेकिन माँ तोय मोर सब गलती के माफ कैर डट रहिस
हज़रो गलती के माफ  कारक वाला माँ आल्वा कहो नखें ।

माँ तोर याद आवेला
आँख खोलमु तोह चेहरा मोर माँ केर हो
आँख बंद हुई तो सपना मोर माँ केर हो
मोय मुइर वि जम्मू तोह कोनो दुःख नखे
पर कफन मिले तो दुपट्टा मोर माँ केर हो
माँ तोर याद आवेला ॥

- Bikash Minz
- Rourkela, Orissa