माँ तोर याद आवेला
माँ तोर याद आवेला
राइते मोंए जेखन छुइप छुइप के कान्दोना
माँ तोर नोरोम कोरा मोर लागिन याद आवेला ॥
आइज काइल मोंए जेखन मुश्किल से निंदाउना
माँ तोर कोमल हाथ मोर माथा में याद आवेला ॥
ओढ़ाल कापड़ा जेखन मोर बार बार गिरेला
माँ तोर गरम चुम्मा मोर माथा में याद आवेला ॥
आइज काइल जेखन दिन भाइर भुखे रहोना
माँ तोर हाथ केर स्वादिस्त खाना याद आवेला ॥
हिया तो रागाय कोन भी खुदै मैन जाओना मोंए
माँ तोर बार बार मोके मनाएक याद आवेला ॥
निंद तो आहे आइख में लेकिन निंदाएक नि परोना
माँ तोर मधुर गीत याद आवेला ॥
जिंदागी केर रास्ता में जेखन सौ बर गिरोना
माँ तोर प्यार भराल सहारा केर हाथ याद आवेला ॥
मुश्किल में भी मोंय जेखन मुसकुराएख कोशिष करोना
माँ तोर सहाॅस भराल चेहरा याद आवेला ॥
- महिमा केरकेटटा
माँ
तोई हमेसा रहिस
मोर साथ,
मोर ताकात बाईन कोन,
मोर साहैता कारेक ले।
मोई जेतना तक याद करोना,
तोके एकला दिख हो
एतना साहसी और सुन्दर।
मोई जेतना तक याद करोना
और आईज तक,
तोई सोब कुछ हिकिस मोर ले
आईज जे भी बाईन हो सोब तोर वजा से,
तोर मेहनात केर वजा से,
धन्यवाद माँ।
सब कुछ ले॥
- David Tanti
कवि परिचय :- बारिश केर बूंध कविता से कवि अपन मन केर बात के एक मिंजूर केर रुप में तुलना करेला और अपन मन केर बात के प्रकट करेला, "बारिश केर बूंध" केर नाम से।
।। बारिश केर बूंध ।।
बारिश केर बूंध आकाश से गिरेला
टप-टप मोर हृदय धाढकेला,
मोर मन करेला मोई मिंजूर बैनजब,
बारिश केर बूंध गिरेला मोर मन थिर नैई रहेला।
मोर मन करेला मोई मिंजूर बैनजब,
बारिश केर बूंध गिरेला मोर मन थिर नैई रहेला।
बारिश केर बूंध आकाश से गिरेला
हीरा-मोती गिरेला जईसेन लागेला,
बारिश केर बूंध में भिंजेयक ले आछा लागेला,
बारिश केर बुंध मे भिंज-भिज॔ के नाचेक मन करेला।
बारिश केर बूंध में भिंजेयक ले आछा लागेला,
बारिश केर बुंध मे भिंज-भिज॔ के नाचेक मन करेला।
बारिश केर बूंध गिरेला
एक मिंजूर सपना में आवेला,
अपन खुब-सुरति र॔ग बिर॔ग पाईख के पसराई के नाचेला,
सैहे लेखे मोर मन भी नाचेक मन करेला।
एक मिंजूर सपना में आवेला,
अपन खुब-सुरति र॔ग बिर॔ग पाईख के पसराई के नाचेला,
सैहे लेखे मोर मन भी नाचेक मन करेला।
सैहे बेरा बारिश केर बूंध टप-टप बंध होवेला,
कवि केर आईखॅ खुलेला,
कवि देखेला की बारिश केर बूंध बंध होवेला
कवि अपन घर जाईला।
कवि केर आईखॅ खुलेला,
कवि देखेला की बारिश केर बूंध बंध होवेला
कवि अपन घर जाईला।
- Rosehlia Kujur
माँ तोर याद आवेला
माँ तोर याद आवेला
भुलाई जाओ ना दिकत परेशानी मोर ज़िन्दगी केर
जब माँ तोर हाथ मोर मूड ऊपर रहेला ।
माँ तोर याद आवेला
माँ तोर बारे मोई का लेखमु
तोय तो मोके लेखीएस यह दुनिया मई
कवी वि कोनो चीज़ केर कमी होएक नई देला
तोई भूखे रहले लेकिन मोके पेट भएर खिले ।
माँ तोर याद आवेला
मोके कोनो चीज़ केर दर नई लागेला
काली की माँ तोर आसीर्बाद मोर ऊपर आहे ।
माँ तोर याद आवेला
माँ तोर अचरा मई तो गुजर गेलै मोर बचपन
सोब का कहना मोई नई जाएं हो
लेकिन तोई तो हेकिस मोर ले भगवन से वि पढ़ केर ।
चोट बेरा केर बात याद आवेला
तोर हाथ केर रोटी याद आवेला
कहां वि खाई के आवत रहो लेकिन
माँ तोर हाथ केर रोटी हेके जा मोर भूक के मिटत रहे ।
पढले लिखले केवल मोके एक कबील इंसान बनाले
लेकिन तोय मोर से कुछ नई मांगले
बस मोर सलामती और खुसी चहले ।
माँ तोर याद आवेला
तोर लेखे माँ के भगवन सबके देवक
बस भगवन से दुआ करना की मोर उम्र वि तोके लैग जाये माँ
कोनो वि गलती हुए जाट रहे सोब भारत रहें गरियात रहें
लेकिन माँ तोय मोर सब गलती के माफ कैर डट रहिस
हज़रो गलती के माफ कारक वाला माँ आल्वा कहो नखें ।
माँ तोर याद आवेला
आँख खोलमु तोह चेहरा मोर माँ केर हो
आँख बंद हुई तो सपना मोर माँ केर हो
मोय मुइर वि जम्मू तोह कोनो दुःख नखे
पर कफन मिले तो दुपट्टा मोर माँ केर हो
माँ तोर याद आवेला ॥
- Bikash Minz
माँ तोर याद आवेला
भुलाई जाओ ना दिकत परेशानी मोर ज़िन्दगी केर
जब माँ तोर हाथ मोर मूड ऊपर रहेला ।
माँ तोर याद आवेला
माँ तोर बारे मोई का लेखमु
तोय तो मोके लेखीएस यह दुनिया मई
कवी वि कोनो चीज़ केर कमी होएक नई देला
तोई भूखे रहले लेकिन मोके पेट भएर खिले ।
माँ तोर याद आवेला
मोके कोनो चीज़ केर दर नई लागेला
काली की माँ तोर आसीर्बाद मोर ऊपर आहे ।
माँ तोर याद आवेला
माँ तोर अचरा मई तो गुजर गेलै मोर बचपन
सोब का कहना मोई नई जाएं हो
लेकिन तोई तो हेकिस मोर ले भगवन से वि पढ़ केर ।
चोट बेरा केर बात याद आवेला
तोर हाथ केर रोटी याद आवेला
कहां वि खाई के आवत रहो लेकिन
माँ तोर हाथ केर रोटी हेके जा मोर भूक के मिटत रहे ।
पढले लिखले केवल मोके एक कबील इंसान बनाले
लेकिन तोय मोर से कुछ नई मांगले
बस मोर सलामती और खुसी चहले ।
माँ तोर याद आवेला
तोर लेखे माँ के भगवन सबके देवक
बस भगवन से दुआ करना की मोर उम्र वि तोके लैग जाये माँ
कोनो वि गलती हुए जाट रहे सोब भारत रहें गरियात रहें
लेकिन माँ तोय मोर सब गलती के माफ कैर डट रहिस
हज़रो गलती के माफ कारक वाला माँ आल्वा कहो नखें ।
माँ तोर याद आवेला
आँख खोलमु तोह चेहरा मोर माँ केर हो
आँख बंद हुई तो सपना मोर माँ केर हो
मोय मुइर वि जम्मू तोह कोनो दुःख नखे
पर कफन मिले तो दुपट्टा मोर माँ केर हो
माँ तोर याद आवेला ॥
- Bikash Minz
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